चेयरमैन वीसीएस एसजीओसी रिसर्च फाऊंडेशन व एस जी ओ सी पब्लिकेशन, यु एस आई टाइम्स के संपादक डॉ विनय के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार ने आज विधानसभा में वर्ष 2025-26 के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15% अधिक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पेश इस बजट को समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट भाषण के दौरान बताया कि इसमें किसी भी प्रकार का नया कर नहीं लगाया गया है, जिससे आमजन को राहत मिलेगी। बजट में अनुमानित राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का 4.66% रहेगा।
सरकार ने इस वर्ष को ‘उद्योग वर्ष’ घोषित करते हुए निवेश और रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से MSMEs, स्टार्टअप्स और नई औद्योगिक नीतियों को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है। कृषि क्षेत्र के लिए भी विशेष राहत की घोषणा की गई है, जिसमें गेहूं और धान की खरीद पर बोनस, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी शामिल है। ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए कौशल विकास और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “ज्ञान” (गांव, युवा, आमजन, नारी) अवधारणा के अनुरूप हैं।बजट में प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों के विकास पर भी जोर दिया गया है। उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर अब ओंकारेश्वर में ‘ओंकारेश्वर लोक’ विकसित किया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त बुनियादी ढांचे जैसे सड़क, हाइवे और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा।शोध, व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा, उच्च शिक्षा सभी क्षेत्रो मे बजट जनता के लिए शुभ हैं मध्य प्रदेश के नागिरीको व जान सामान्य इस बजट के उपयोग से सफल हो सकते हैं, हमारी सिटीजन स्टेबिलिटी हमारे वर्क के अनुसार सफलता देने वाली हैं.कुल मिलाकर, यह बजट राज्य के सर्वांगीण विकास, आर्थिक मजबूती और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक सशक्त प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।